4 पर एक बात तो आय कि तोरे इते सरदीस में कछु ऐसे जनें आंय, जिन ने अपने उन्ना असुद्ध नईं करे, बे सब मोरे संग्गै उजरे उन्ना पैर के घूम हैं कायसे बे लायक आंय।
तब मोर्दकै नीले और सफेद रंग के राजसी उन्ना पैरें और मूंड़ पै सोने कौ बड़ो मुकट धरें भए और पतले सूत सें बनो भओ सन और भटा रंग कौ बागा पैरें भए, राजा के अगारें सें कड़ गओ, और शूशन नगर के जनें आनन्द के मारे चिल्या उठे।
कि जो कछु तें हेरत आय, उन सबरी बातन हां एक पोथी में लिख के सातई मण्डली हां पठै दे, जैसे इफीसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थूआतीरा, सरदीस, फिलदेलफिया और लौदीकिया में।
जे बे आंय, जो बईयरन के संग्गै अशुद्ध नईं भए, परन्त कुंआरे आंय: और जे बे आंय, कि जिते मेमना जात आय, बे ऊके पछाऊं जात आंय: जे जने संसार में से परमेसुर के सामूं ठांड़े होबे हां छुड़ाए गए आंय।
ई लाने मैं तोहां सम्मति देत आंव, कि आगी में ताओ भओ सोना मोसे मोल ले कि सांचऊ में धनी हो जाबै; और सफेद उन्ना लैके पैर ले कि तोहां नंगेपन जैसी सरम न होबै; और अपनी आंखें आंजबे हां बढिया सुरमा लै ले, कि तोहां दिखान लगै।
जो कोऊ इन बातन में पक्को रै है, उन हां ऐसई सफेद उन्ना पैराए जै हैं, और मैं कैसऊ उन को नाओं जीवन की किताब में से न काट हों, मैं परमेसुर और सरगदूतन के सामूं जौ मान लै हों कि जे मोरे जनें आंय।
और उन सबरन हां सफेद उन्ना दओ गओ और उन से कहो गओ, कि और थोड़ी बेरा लौ आराम करो, जब लौ तुमाए संग्गी सेवा करबेवारे, और भईया, जौन तुमाए जैसे कतल होबेवारे आंय, उन सबरन की गिनती पूरी न हो जाबै।
ईके पाछें मैंने हेरो, कि एक एक कुल और जातियन, देस और हर एक बोली बोलबेवारन की एक बड़ी भीड़, जीहां कोऊ गिन न सके उजरे उन्ना पैरें, और हातन में खजूर की डालियां लएं सिंहासन के सामूं और मेमने के सामूं ठांड़ी आंय।