17 तें जो कैत आय, कि मैं बड़ो धनी आंव, और धनवालो हो गओ आंव, और मोहां कोनऊ बस्त की कमी नईंयां, और जौ नईं जानत, कि तें अभागा और तुच्छ और कंगाल और अन्धरा और नंगो आय।
हे भईया हरौ, कऊं ऐसो न होबै, कि तुम अपने आप हां समजदार मान लेओ; ई लाने मैं नईं चाहत कि तुम ई भेद से अनजान रओ, कि जब लौ दूसरी जातवारन कौ अंधबिसवास न मिट जाबै, तब लौ इस्राएल कौ एक भाग ऐंसई कठोर रै है।
कायसे मैं ऊ दया किरपा के काजें जौन मोय पै भई आय, तुम सबरन से कैत आंव, कि जैसो समजो चईये, ऊसे बढ़ के कोई अपने हां न समजे परन्त जैसो परमेसुर ने सबई हां योग्यता अनसार बिसवास दओ आय, ऊंसई सई सोच बिचार के संग्गै अपने हां समजे।
कि मैं तोरो दुख और तोरी गरीबी हां जानत आंव; (परन्त तें धनी आय); और जौन अपने हां यहूदी कैत आंय पर हैं नईंयां, और शैतान छलिया की बातन में लगे आंय, मोहां जौ सब पता आय।