आगे परमेसुर जौन सांचे आंय मोरे काजें धरम को मुकुट धरें आंय, जौन मोहां दै हैं और मोहां नईं, परन्त उन हां सोई दै हैं, जौन उनके फिन के आबे की प्रेम से बाट तकें आंय।
धन्न आय बो मान्स, जौन परीक्षा में पक्को कड़े; कायसे बो परीक्षा में खरो कड़ के जीवन कौ बौ मुकुट पा है, जी कौ कौल पिरभु ने अपने प्रेम धरबेवारन हां दओ आय।
जौन दुख तोहां झेलबे पड़ हैं, उन से न डरा: कायसे शैतान छलिया तुम में से कछु लोगन हां जेहल में डलवा है कि तुमाओ बिसवास परखो जाबै; और तुम हां दस दिना लौ दुख उठाने पड़ है: मरबे लौ बिसवास धर; तो मैं तुम हां सरग को जीवन दै हों।
कि तें उते रैत आय जिते शैतान छलिया कौ सिंहासन आय, पर मोरे नाओं पै बिसवास धरे रैत आय; और मोपे बिसवास करबे से उन दिना में पक्को रओ, जब मोरो सच्चो और पक्को गवाह अन्तिपास, तुमाए बीच मारो गओ।
चेतो और ध्यान धरो कि तुम ने कौन सी बातें सीखी हतीं, और उन में पक्के बने रओ, और अपने पापन हां छोड़ो: अगर तें न चेतो, तो जैसो भड़या बिना कहे आत आय ऊंसई मैं आ जै हों।