हे बाप, मोरी चाहना आय कि जिन हां तेंने मोय दओ आय, जिते मैं आंव, उते सोई मोरे संग्गै रएं कि बे मोरी ऊ महिमा हों तक सकें, जीहां तेंने मोय दई आय, कायसे तेंने संसार के जन्म से पेंला मोय से प्रेम करो।
अब हम हां ऐना में धुंधलो सौ दिखाई देत आय; परन्त ऊ बेरा आमूं सामूं हेर हैं, अबै तो मोरो ज्ञान अधूरो आय, परन्त ऊ बेरा भली भांत चीन्ह हों, जैसो मैं चीनो गओ आंव।
जौन पक्को बनो रै है, ऊहां मैं अपने परमेसुर के मन्दर को एक खंभा बनै हों; और बो हमेसा उतईं बनो रै है; और मैं अपने परमेसुर को नाओं, और उनके नगर, मानो नये यरूशलेम, जो मोरे परमेसुर के ऐंगर से सरग से उतरबे वालो आय और अपनो नओ नाओं ऊ पै लिख हों।