2 और नदिया के ई पार; और ऊ पार, जीवन कौ पेड़ हतो: ऊ में बारह तरहां के फल लगत हते, और बो हर महिना फलत हतो; और ऊ पेड़ के पत्तन से जाति जाति के मान्स चंग्गे होत हते।
यहोवा परमेसुर ने धरती सें सब भांत के पेड़, जो हेरबे में सुन्दर और जिनके फल खाबे में नोंने आंय उगाए, और बगिया के मजारें जीवन के पेड़ हों और अच्छे और बुरय के ज्ञान के पेड़ हों भी लगाओ।
कि पिरभु कौ आत्मा मोपे आय, ई लाने कि ऊ ने गरीब-गुरवन हां भलो सन्देसो सुनाबे के लाने मोरो अभिषेक करो आय, और मोय ई लाने पठैओ आय, कि जौन बन्धुए आंय उन हां छुटकारे कौ और अन्धरन हां तकबे कौ भलो सन्देसो सुनाऔ और कुचले भए हां छुड़ाओं।
जीके कान होबें, बे सुन लेबें कि आत्मा मण्डलियन से का कैत आय: कि जो जय पाबै, मैं ऊहां जीवन दैबेवारे पेड़ में से जो परमेसुर के सरगलोक में लगो आय, ऊके फल खैबे हां दै हों।