13 मैं अलफा और ओमिगा, पैलो और पाछें को, आरम्भ और अन्त आंव।
अगर ऊ में परमेसुर की महिमा होत आय, तो परमेसुर भी अपने में ऊ की महिमा कर है और तुरतईं कर है।
कि जो कछु तें हेरत आय, उन सबरी बातन हां एक पोथी में लिख के सातई मण्डली हां पठै दे, जैसे इफीसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थूआतीरा, सरदीस, फिलदेलफिया और लौदीकिया में।
जब मैं ने उन हां तको, तो ऊके गोड़े में मुरदा जैसो गिर पड़ो और ऊ ने मोपे अपनो दाहिनो हाथ धरके कई, कि न डर; मैं पेंला और अन्त लौ रैबेवारो और जीयत आंव।
पिरभु जौन परमेसुर हते, और जौन आबेवारे आंय; जौन महाबली आय: ऐसो कहत आय, कि मैं पेंला से आंव और अन्त लौ रै हों।
और स्मुरना की मण्डली के दूत हां ऐसो लिखो, कि, जौन पेंला और अन्तिम आय; जो मर गओ हतो और अब जी गओ आय, बो जौ कहत आय।
फिन ऊ ने मोय से कहो, जे बातें पूरी हो गई आंय, मैं अलफा और ओमिगा, शुरु और अन्त आंव: मैं प्यासे मान्स हां जीवन के जल के झरने से सेंत मेंत पिला हों।
लौदीकिया की मण्डली के दूत हां ऐसो लिखो, कि, जो आमीन, और भरोसा धरबे जोग, और सच्चो गवाह आय, और परमेसुर के संसार कौ खास कारन आय, बो ऐसो कैत आय।