3 फिन मैंने सिंहासन में से कोऊ हां जा टेर लगात सुनो, कि हेर, कि परमेसुर कौ डेरा मान्सन के बीच में आय; और मान्सन उनके संग्गै रै हैं, और बे मान्सन के परमेसुर कहा हैं।
और मूरतन को परमेसुर के मन्दर में का काज? कायसे हम जियत परमेसुर के मन्दर आंय; जैसो परमेसुर ने कहो आय कि उन में बस हों और उन में घूम हों; और मैं उन को परमेसुर और बे मोरे जनें कहा हैं।
पिरभू कैत आय, कि अब जौन कौल मैं उन के संग्गै बांध हों, बा ऐसी आय, कि मैं अपने नैम हां उनके हिये और जी में डाल हों, और बे औरें मोरे जनें हुईयें और मैं उन को परमेसुर हुईयों।
और जब सातई गरजन के शब्द सुनाई दे चुके, तो मैं लिखबे पै हतो, और मैंने सरग से ऐसो शब्द सुनो, कि जौन सात शब्द गरजन के संग्गै सुने आंय, उन हां कोऊहां न बतईयो, और न लिखियो।
और जो शब्द करबेवारे हां मैंने सरग से बोलत सुनो हतो, बो फिन के मोसे बतकाव करन लगो; ऊ ने कई जाओ, जो सरगदूत समुद्र और धरती पै ठांड़ो आय, ऊके हाथ में से खुली पोथी हां लै ले।
फिन मैंने सरग से एक बड़ो बोल सुनो, कि अब हमाए परमेसुर को तरन तारन, और बल, और राज, और ईसा मसीह को जस दिखानो आय; कायसे जो रात दिन परमेसुर के सामूं हमाए भईयन पै दोष लगात हतो, गिरा दओ गओ।
ऐई से जे परमेसुर के सिंहासन के सामूं आंय, और उनके मन्दर में दिन रात उनकी सेवा करत आंय; और जो सिंहासन पै बिराजे आंय, बे अपनी छत्र छाया उन पै राखें रै हैं।