19 और ऊ नगर की नी मेंहगे पत्थर से बनी हती, पैली नी यशब की, दूसरी नीलमणी की, तीसरी लालड़ी की, और चौथी मरकत की।
परमेसुर को तेज ऊ में हतो, और ऊ की जोत बिल्लौर के समान यशब और दूसरे हीरा मोती जैसी उजरी हती।
और जो ऊ पै बैठो आय, बो यशब और मणि जैसो दिखत आय, और ऊके चारऊं कोद मेघधनुष जैसो दिखाई देत आय।