11 फिन मैंने एक बड़ो सफेद सिंहासन और जौन ऊ पै बिराजो हतो ऊहां तको, जीके सामूं से धरती और आकास भाग ठांड़े भए, और उन हां जांगा न मिली।
ई तरहां कौ काम करबो तोए सें दूर रए कि दुस्ट के संगै धरमी हों भी मार डाले, और धरमी और दुस्ट दोई की एकई दसा होए। जौ करबो तोए सें दूरई रए; का पूरी पृथ्वी कौ न्याय करबेवारो न्याय नें करे?”
फिन भी मैं तुम से कहत आंव; कि न्याव के दिना तुमाई दसा से सूर और सैदा की दसा बिलात सहबे लायक हुईये।
आकास और धरती टल जै हैं, पर मोरी बातें कभऊं न टल हैं।
जब मान्स कौ पूत अपनी मईमा में आ है, और सब सरगदूत ऊके संग्गै आ हैं तो बो अपनी मईमा के सिंहासन पर बिराज है।
पर तें अपनी जिद और हठीले मन के अनसार, जब परमेसुर कौ सच्चो न्याओ परगट हुईये, अपने लाने दण्ड कमा रओ आय।
पर अबै के आकास और धरती ओई बचन के द्वारा आगी में जलाए जाबे के लाने धरे गए आंय; बे बिन भक्तीवारे मान्सन के न्याय और नास के दिना लौ ऐसई धरे जै हैं।
परन्त अजगर जीत नईं पाओ, और सरग में उन के लाने जांगा नईं मिली।
और एक एक टापू अपनी जांगा से खिसक गए; और पहरवा कहां गए पता नईं पड़ो।
फिन मैंने सरग हां एकदम खुलो तको; और एक सफेद घुड़वा आय; और ऊ पै एक सवार आय, जो बिसवास करे जोग आय; और बो धरम के संग्गै न्याव और लड़ाई करत आय।
और ऊ ने बड़े अजगर जानो पुराने सांप हां, जीहां इबलीस और शैतान छलिया कैत आंय; पकड़ के हजार बरस के लाने बान्ध दओ।
मैंने नए आकास और नईं धरती हां तको, कायसे पेंला धरती और आकास लोप हो गए हते, और समुन्दर सोई न रहो।
और जो सिंहासन पे बिराजे हते, ऊ ने कई, कि तको, मैं सब कछु नओ करें देत आंव: और बोले लिख लेओ, कायसे जे बचन बिसवास के जोग और सांचे आंय।
और तुरतईं आत्मा ने मोहां अपने बस में कर लओ; और मैंने का तको, कि सरग में एक सिंहासन धरो आय, और ऊ सिंहासन पै कोऊ बैठो आय।
और आकास ऐसो खिसक गओ, जैसे चिठिया गुड़याई होबै; और हर एक पहरवा, और टापू, अपनी जांगा से खिसक गए।