1 फिन मैंने एक सरगदूत हां सरग से उतरत तको; ऊके हाथ में अथाह कुण्ड की कुंजी, और बड़ी जंजीर हती।
उन ने यीशु से बिन्तवाई करी, कि हम हां बिकट गैरे गढ्ढे में जाबे कौ हुकम न कर।
जब परमेसुर ने उन सरगदूतन हां जिन ने पाप करो हतो नईं छोड़ो, पर उन हां नरक में पठै के अन्धयारे कुन्डों में डाल दओ, जीसे बे न्याय के दिना लौ बन्दी रैबें।
जिन सरगदूतन ने अपनो काज ठीक ठाक से नईं करो और सरग छोड़ दओ, उन हां ऊ न्याव के दिना के लाने अंधियारे में बांध के धरो आय।
मैं मर गओ हतो, और अब हेर; मैं जुगजुग लौ जीयत आंव; और मृत्यु और अधोलोक जिते मरे भय रैत आंय ऊ की कुंजी मोरे ऐंगर आंय।
फिन मैंने एक बली सरगदूत हां बादल ओढ़ के सरग से उतरत तको, ऊके मूड़ पै मेघधनुष हतो: और ऊ को मों सूरज घांई हतो और ऊके गोड़े आगी के खम्भा जैसे हते।
ईके पाछें मैंने एक सरगदूत हां सरग से उतरत तको, जो बहुत बली हतो; और धरती ऊके तेज से चमक उठी।
और ऊहां अथाह कुण्ड में डालके बन्द कर दओ, और मुहर लगा दई, कि बो हजार बरस पूरे होबे तक जाति जाति के मान्सन हां न भरमाए; ईके बाद जरुरी आय, कि तनक बेरा के लाने ऊहां छोड़ो जाए।