और मोरो परमेसुर कहूं मोहां फिन के तुम लौ आबै हों जोर देबे और मोहां फिन के बिलात जनों से दुख होबे, जीनें पेंला पाप करो हतो, और उन बुरए काज, परतिरिया संगत, और लुचपन से, जौन उन ने करे, मन न बदलो होबै।
कायसे ऊके व्यभिचार की विकराल मदिरा के कारन सब जातियां गिर गईं आंय, और धरती के राजाओं ने ऊके संग्गै व्यभिचार करो आय; और धरती के महाजन ऊके मजा मौज से धनी हो गए।
सो अब चेत जा, कि तें किन बातन में गिरो और फिन से बेई काज कर जौन तें पेंला करत हतो; कायसे तें पेंला जैसे काज न कर है, तो मैं तोरे ऐंगर आहों और तोरी दीवट हां उते से हटा देंहों।