और नगर के बायरें ऊ रस कुण्ड में दाखें कुचली गईं, और रस के कुण्ड में से इतनो रकत निकलो, कि नदिया घाईं सौ कोस लौ बहो, और इतनो गैरो हतो कि ठांड़े घुड़वन की लगाम लौ पहुंचो।
जे मेमने से लड़ हैं, और मेमना जीत है; कायसे बो प्रभुओं कौ पिरभू, और राजाओं कौ राजा आय: और जो बुलाए भए, और चुने भए, और बिसवासी उनके संग्गै आंय, बे सोई जय पा हैं।
पर एक बात तो आय कि तोरे इते सरदीस में कछु ऐसे जनें आंय, जिन ने अपने उन्ना असुद्ध नईं करे, बे सब मोरे संग्गै उजरे उन्ना पैर के घूम हैं कायसे बे लायक आंय।
ईके पाछें मैंने हेरो, कि एक एक कुल और जातियन, देस और हर एक बोली बोलबेवारन की एक बड़ी भीड़, जीहां कोऊ गिन न सके उजरे उन्ना पैरें, और हातन में खजूर की डालियां लएं सिंहासन के सामूं और मेमने के सामूं ठांड़ी आंय।