13 और बो रकत डरो उन्ना पहने आय: और उन कौ नाओं परमेसुर कौ बचन आय।
शुरू में बचन हतो, और बचन परमेसुर के संग्गै हतो, और बचन परमेसुर हतो।
और बचन जौन कृपा और सच्चाई से भरपूर हतो रूपवान भओ; और हमाए बीच में डेरा करो, और हम ने ऊ की ऐसी कृपा हेरी, जैसे बाप के एकई मोंड़ा की कृपा।
जीवन दैबेवारो बचन जौन पेंला से आय, जी की बातें हम ने सुनी, और जीहां अपनी आंखन से तको, जीहां हम ने खुल के हेरो; और हाथन के छिओ।
कायसे जा बात आत्मा से भई; और आत्मा की बात सांची होत आय।
और नगर के बायरें ऊ रस कुण्ड में दाखें कुचली गईं, और रस के कुण्ड में से इतनो रकत निकलो, कि नदिया घाईं सौ कोस लौ बहो, और इतनो गैरो हतो कि ठांड़े घुड़वन की लगाम लौ पहुंचो।