फिन एक और सरगदूत ने मन्दर से कड़ के, ऊसे जो बादल पै बिराजो हतो, कई कि अपनो हंसिया लैके काटो, कायसे कटनी के दिना आ गए आंय, कायसे संसार की खेती पक गई आय।
फिन एक बली सरगदूत ने चकिया के पाट जैसो एक पथरा लैके समुन्दर में फेंक दओ, और ऐसो कहो कि जा बड़ी नगरी बाबुल ऐंसई गिराई जै है, और फिन कभऊं ऊ को पता न मिल है।