फिन आत्मा की मदद से बो मोहां जंगल में लै गओ, और मैंने किरमिजी रंग के जनावर पै परमेसुर की निन्दा के नाओं से छिपे एक बईयर हां तको, और जीकी सात मूड़ और दस सींग हते।
बा बईयर भटारंग, और किरमिजी रंग के उन्ना पैरे हती, और सोने और बिलात मेंहगे मणी और मोतियन से सजी हती, और ऊके हाथ में एक सोने को कटोरा हतो, जो गन्दी और अशुद्ध बस्त और बेशरमी के कामन से भरो हतो।
और अपने मूड़ पै धूरा डाल के, रोते और किलपत भए चिल्लिया के कै हैं, हाय! हाय! जा बड़ी नगरी बाबुल जी में समुन्दर से आके जो धंधा करबेवारे धनी हो गए हते, बे घड़ी भर में उजड़ गए।