जैसे सोनो, चान्दी, हीरा, मोती और मलमल के उन्ना, और बैजनी, किरमिची और रेशम के उन्ना, और अच्छी महकबेवारी लकड़ियां, और हांथीदांत की बस्तें, और मांगी लकड़ियां, और पीतल, और लोहे, और संगमरमर की बस्तें।
और अपने मूड़ पै धूरा डाल के, रोते और किलपत भए चिल्लिया के कै हैं, हाय! हाय! जा बड़ी नगरी बाबुल जी में समुन्दर से आके जो धंधा करबेवारे धनी हो गए हते, बे घड़ी भर में उजड़ गए।
कायसे ऊके व्यभिचार की विकराल मदिरा के कारन सब जातियां गिर गईं आंय, और धरती के राजाओं ने ऊके संग्गै व्यभिचार करो आय; और धरती के महाजन ऊके मजा मौज से धनी हो गए।