और मोरो परमेसुर कहूं मोहां फिन के तुम लौ आबै हों जोर देबे और मोहां फिन के बिलात जनों से दुख होबे, जीनें पेंला पाप करो हतो, और उन बुरए काज, परतिरिया संगत, और लुचपन से, जौन उन ने करे, मन न बदलो होबै।
और ऊ ने ऊं ची टेर लगाई; परमेसुर से डरो; और उन के गुणगान करो; कायसे अब न्याय की बेरा आ गई आय, सो ऊ को भजन करो, जीने सरग और धरती हां और समुन्दर और पानू के झरने बनाए।
ऊ बचे मान्स जौन इन मरियों से न मरे हते, उन ने अपने कामन हां नई छोड़ो, और भूतात्मा की, और सोने और चांदी, पीतल, पथरा और लकड़िया की मूरतों की पूजा नईं करें, जो न तो देख, सुन सकत, और न चल फिर सकत आंय।