और परमेसुर कौ मन्दर जो सरग में आय, बो खोलो गओ, और ऊके मन्दर में ऊ की वाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और बिजली कड़कड़ान लगी और धरती डोलन लगी, और बड़े बड़े ओला गिरे।
फिन एक और सरगदूत ने मन्दर से कड़ के, ऊसे जो बादल पै बिराजो हतो, कई कि अपनो हंसिया लैके काटो, कायसे कटनी के दिना आ गए आंय, कायसे संसार की खेती पक गई आय।