और मन्दर के बायरें को आंगन छोड़ दईये; ऊहां नईं नापिये, कायसे बो दूसरी जातन के मान्सन हां दओ गओ आय, और बे पवित्तर नगर हां ब्यालीस महिना लौ रोंदत रै हैं।
कायसे परमेसुर उनके मन में जौ डाल है, कि बे ऊ की मनसा पूरी करें; और जब लौ परमेसुर को कहो पूरो न हो जाबै, तब लौ बे एक मन होकें अपनो अपनो राज ऊ जनावर हां दे देबें।
फिन एक बली सरगदूत ने चकिया के पाट जैसो एक पथरा लैके समुन्दर में फेंक दओ, और ऐसो कहो कि जा बड़ी नगरी बाबुल ऐंसई गिराई जै है, और फिन कभऊं ऊ को पता न मिल है।
और दिया को उजारो कभऊं तोय में न चमक है, और दूल्हा दुलईया को ब्याव होत न दिखा है; कायसे तोरे व्यापारी संसार भर में जाने जात हते, और तोरे टोना टोटका से सब जातियन भरमाई गईं हतीं।
और चौथे सरगदूत ने तुरही फूंकी, और सूरज को एक तिहाई और चन्दा को एक तिहाई और तारन की एक तिहाई पै विपत आई, इते लौ कि उनकौ एक तिहाई भाग अंधियारो हो गओ और दिन के एक तिहाई में उजयारो नईं रहो, और ऊंसई रात में सोई।