9 फिन ईके पाछें एक और सरगदूत बड़ी आवाज में ऐसो कैत आओ, कि जो कोऊ ऊ जनावर और ऊ की मूरत हां पूजे, और अपने हाथ और माथे पे ऊ की छाप लगाए।
और ऊ आग और गन्धक को धुआं हमेसा लौ निकलत रै है, और जो ऊ जनावर और ऊ की मूरत की पूजा कर हैं, और ऊ की छाप हां लगा हैं, उन हां रात दिना कभऊं चैन न मिल है।
सो पैले सरगदूत ने अपनो कटोरा धरती पै उड़ेल दओ। और जिन मान्सन पै ऊ जनावर की छाप हती, और जो ऊ की मूरत की पूजा करत हते, उन हां एक बुरओ और बिलात पिराते वारो खता कड़ो।
जब लौ हम अपने परमेसुर के सेवा करबेवारन के माथे पै मुहर न लगा देबें, तौ लेओ धरती और समुन्दर और पेड़ों हां नुसकान न करियो।