11 और ऊ आग और गन्धक को धुआं हमेसा लौ निकलत रै है, और जो ऊ जनावर और ऊ की मूरत की पूजा कर हैं, और ऊ की छाप हां लगा हैं, उन हां रात दिना कभऊं चैन न मिल है।
और उनको भरमाबे वालो शैतान छलिया आग और गन्धक से बरत झील में, जी में बो जनावर और लबरा अगमवकता सोई हुईये, ऊ में डाल दओ जै है, और बे सबरे रात दिना पिराते से तड़पत रै हैं।