ईसे सरग में रैबेवारो खुश हो; हे धरती, और समुन्दर तुम पै हाय! कायसे शैतान छलिया बड़ी खुन्स में तुमाए ऐंगर उतर आओ आय; कायसे ऊहां पता आय, कि ऊ की बेरा तनकदिना की आय।
फिन मैंने सिंहासन में से कोऊ हां जा टेर लगात सुनो, कि हेर, कि परमेसुर कौ डेरा मान्सन के बीच में आय; और मान्सन उनके संग्गै रै हैं, और बे मान्सन के परमेसुर कहा हैं।
ईके पाछें मैंने तको कि सरग में एक द्वार खुलो आय; और जीहां मैंने पेंला अपने संग्गै बात करत सुनो हतो, जी की बोली मानो तुरही जैसी हती, ओई कैत हतो कि इते ऊ परै आ जाओ: और मैं तोहां बे बातें दिखा हों, जिनको इन बातन के बाद पूरो होबो जरुरी आय।
फिन मैंने सरग में, और धरती पै, और धरती के नेंचें, और समन्दर के भीतर की सबरी बस्तन, और जो कछु उन में आय, ऐसो कैत सुनो, कि जौन सिंहासन पै बिराजो आय, ऊ को और मेमने कौ धन्नबाद, मान और राज हमेसा रैबे।
ऐई से जे परमेसुर के सिंहासन के सामूं आंय, और उनके मन्दर में दिन रात उनकी सेवा करत आंय; और जो सिंहासन पै बिराजे आंय, बे अपनी छत्र छाया उन पै राखें रै हैं।
ईके पाछें मैंने हेरो, कि एक एक कुल और जातियन, देस और हर एक बोली बोलबेवारन की एक बड़ी भीड़, जीहां कोऊ गिन न सके उजरे उन्ना पैरें, और हातन में खजूर की डालियां लएं सिंहासन के सामूं और मेमने के सामूं ठांड़ी आंय।