3 मैंने ऊके दस मूंड़ में से एक पै बड़ो घाव तको, मानो बो मरबे पै होबै; फिन कछु देर में ऊ को बो घाव ठीक हो गओ, और संसार के सबरे मान्स ऊ जनावर के पाछें बड़े अचम्भा करत भए चले।
जौ जनावर धरती पै रैबेवारन हां मूरख बनात हतो, और उन बेजा काम हां जौ ऊ जनावर के बल से करत हतो, और संसार के मान्सन से कैत हतो, कि बो जनावर जीहां घाव हो गओ हतो बो अच्छो हो गओ आय, सो तुम ऊ की मूरत बनाओ, और ऊ की पूजा करो।
कायसे परमेसुर उनके मन में जौ डाल है, कि बे ऊ की मनसा पूरी करें; और जब लौ परमेसुर को कहो पूरो न हो जाबै, तब लौ बे एक मन होकें अपनो अपनो राज ऊ जनावर हां दे देबें।
जो जनावर तेंने तको आय, जो पेंला तो हतो, परन्त अब नईयां, जो बिलात गैरे कुण्ड में से कड़ है और विनाश में पड़ है। और धरती के रैबेवारे मान्स जिनके नाओं पेंला से जीवन की पोथी में नईं लिखे गए, ई जनावर की जा हालत तक के, कि पेंला हतो, और अब नईंयां; और अब फिन आ जा है, अजूबा मान हैं।