और बो जनावर और ऊके संग्गै ऊ लबरा अगमवकता पकड़ो गओ, जौ ओई आय जौन अदभुत काम दिखा के मान्सन हां चकरया देत हतो, और बे ऊ जनावर की छाप सोई लगाएं हते, और ऊ की पूजा करत हते, जे दोई जीयत भए आगी की झील में जो गन्धक से जलत हती, डाले गए।
कि तें उते रैत आय जिते शैतान छलिया कौ सिंहासन आय, पर मोरे नाओं पै बिसवास धरे रैत आय; और मोपे बिसवास करबे से उन दिना में पक्को रओ, जब मोरो सच्चो और पक्को गवाह अन्तिपास, तुमाए बीच मारो गओ।