1 मैंने एक जनावर हां समुन्दर में से कड़त हेरो, जीके दस सींग और सात मूंड़ हते; और ऊके दसई सींग पै राजमुकुट हते, और ऊ की मूड़ पै निन्दा के नाओं लिखे हते।
जौ जनावर धरती पै रैबेवारन हां मूरख बनात हतो, और उन बेजा काम हां जौ ऊ जनावर के बल से करत हतो, और संसार के मान्सन से कैत हतो, कि बो जनावर जीहां घाव हो गओ हतो बो अच्छो हो गओ आय, सो तुम ऊ की मूरत बनाओ, और ऊ की पूजा करो।
और मैंने आगी में मिलौ कांच कौ सो समुद्र हेरो, और जो ऊ जनावर पर, और ऊ की मूरत पै, और ऊके नाओं के अंक से जीते हते, उन मान्सन हां परमेसुर की वीणा लए समुन्दर के ऐंगर ठांड़ो तको।
और जो दस सींग तेंने तके, बे और जनावर ऊ वेश्या से बैर धर हैं, और ऊके सबरे उन्ना उतार लै हैं और ऊहां नंगी कर दै हैं; और उकौ मांस खा जै हैं, और ऊहां आग में जला दें हैं।
फिन आत्मा की मदद से बो मोहां जंगल में लै गओ, और मैंने किरमिजी रंग के जनावर पै परमेसुर की निन्दा के नाओं से छिपे एक बईयर हां तको, और जीकी सात मूड़ और दस सींग हते।