और ईके पाछें हम जौन जियत हुईयें और संसार में बचे रै हैं, उनके संग्गै बादरन पै उठा लय जै हैं, कि हवा में पिरभू से जुड़े, और फिन हम पिरभू के संग्गै रै हैं।
ईके पाछें मैंने तको कि सरग में एक द्वार खुलो आय; और जीहां मैंने पेंला अपने संग्गै बात करत सुनो हतो, जी की बोली मानो तुरही जैसी हती, ओई कैत हतो कि इते ऊ परै आ जाओ: और मैं तोहां बे बातें दिखा हों, जिनको इन बातन के बाद पूरो होबो जरुरी आय।