10 और धरती के रहबेवारे, उन के मरबे से मजा मौज कर हैं, और एक दूजे हां भेंट पठै हैं, कायसे इन दोई आगमवकतन ने धरती पै रहबेवारन हां सताओ हतो।
मोरे नाओं के काजें सब तुम से बैर कर हैं, पर जौन अन्त लौ गम खै है ओई की मुक्ति हुईये।
मैं तुम से सांची सांची कैत आंव; कि तुम रो हौ और दुख मना हौ, परन्त संसार खुसी मना है, तुम दुखी हुईयो पर तुमाओ दुख खुसी में बदल जै है।
जगत तुम से बैर नईं कर सकत, परन्त मोसे करत आय, कायसे मैं ई बात की सीख देत आंव, कि उन के काज बुरय आंय।
जौ सुन के बे जल गए, और उन हां मार डालबो चाहो।
बुरए काम से खुस नईं होत, परन्त संचाई से खुस होत आय।
जब अजगर ने हेरो, कि बो धरती पैगिरा दओ गओ आय, तो ऊ बईयर हां जौन बेटा जनी हती, ऊहां सताओ।
जौ जनावर धरती पै रैबेवारन हां मूरख बनात हतो, और उन बेजा काम हां जौ ऊ जनावर के बल से करत हतो, और संसार के मान्सन से कैत हतो, कि बो जनावर जीहां घाव हो गओ हतो बो अच्छो हो गओ आय, सो तुम ऊ की मूरत बनाओ, और ऊ की पूजा करो।
और धरती के बे सब रैबेवारे जिन के नाओं ऊ मेमने की जीवन की पोथी में नईं गए, जो संसार की रचना की बेरा से घात भओ आय, ऊ जनावर की पूजा कर हैं।
और पांचवें सरगदूत ने अपनो कटोरा ऊ जनावर के सिंहासन पै उड़ेल दओ, और ऊके राज में अंधियारा छा गओ; और मान्स पिराते में अपनी जीभ हां मुराउन लगे।
तेंने मोरे बचन हां धीरज से मानो आय, ईसे मैं तोहां परीक्षा की ऊ बेरा में बचाए रख हों, जो धरती पे रहबेवारन हां परखबे के लाने संसार पै आबेवालो आय।