14 ऊके मूंड़ के बाल सफेद पाला जैसे उजरे हते; और ऊ की आंखें आग की लपटें जैसी हतीं।
ऊको रूप बिजली जैसो और ऊके उन्ना पाला जैसे उजरे हते।
ऊ की आंखें आगी जैसी आंय: और ऊके मूड़ पै मुतके राजमुकुट आंय; और ऊ को एक नाओं लिखो आय, जीहां ऊके छोड़ और कोऊ नईं जानत।
और थुआतीरा की मण्डली के दूत हां ऐसो लिखो, कि, परमेसुर को पूत जी की आंखें आगी की लपटें जैसी आंय, और जीके गोड़े उम्दा पीतल जैसे आंय, ऐसो कैत आय।