9 फिन तेंने मिस्र में हमाए पुरखन के दुख पै नजर करी; और लाल समंदर के किनारे पै उनकी दुहाई सुनी।
मैंने सांची में अपने मान्सन की जौन मिसर में आंय, बुरई दसा हां तको आय; और उन की आह और रोबो सुनो आय; ई लाने उन हां छुड़ाबे हां उतरो आंव। अब आ, मैं तोहां मिसर में पठै हों।
फिन परमेसुर ने कओ; जौन जाति के बे दास हुईयें, उन हां मैं दण्ड दे हों; और ईके पाछें ऐई जांगा मोरी सेवा कर हैं।