35 उनोंरन ने अपने राज्य में, और ऊ बड़े कल्यान की बेरा जो तेंने उनोंरन हों दओ हतो, और ई लम्बे चौड़े और उपजाऊ देस में तोरी सेवा नईं करी; और नें अपने बुरे कामन सें पछताव करो।
उनोंरन ने गढ़वाले नगर और उपजाऊ धरती ले लई, और सब तरहां की अच्छी चीजन सें भरे पूरे घरन के, और खुदे भए हौदों के, और दाख और जैतून की बारियों के, और खाबे के फलवाले मुतके पेड़ों के अधकारी हो गए; बे ऊहों खा खाकें अफर गए, और मोटे-ताजे हो गए, और तोरी बड़ी भलाई के कारन सें खूब सुख भोगत रए।