30 तें तौ मुतके साल लौ उनकी सहत रओ, और अपनी आत्मा सें अागमवक्तन के द्वारा उनहों चिताऊत रओ, परन्त बे कान नईं लगात हते, ई लाने तेंने उनोंरन हों देस देस के लोगों के हाथ में कर दओ।
परन्त बे तोसें दूर होकें बलवा करबेवारे बन गए और तोरी ब्यवस्था हों त्याग दओ, और तोरे जो आगमवक्ता तोरी कोद उनहों फेरबे के लाने ऊनहों चितात रए उनहों उनोंरन ने मार डालो, और तोरो बड़ो अपमान करो।
और उनहों चिताऊत हतो कि उनहों अपनी नेम ब्यवस्था के आधीन कर दे। परन्त बे घमंड करत रए और तोरो हुकम नईं मानत हते, और तोरे नेम, जिनहों अगर मान्स माने, तौ उनके कारन जियत रए, उनके बिरुद्ध पाप करत, और ढ़िटाई करत हते और नें सुनत हते।
उन ने ई बात की खोज करी कि मसीह की आत्मा जौन उन में हती, और पेंलई से मसीह की पीड़ा की और ऊके पाछें होबेवारी मईमा की गवाई देत हतो, बो कौन से और कैसे टैम कुदाऊं इसारो करत हतो।
पिरभु अपने कौल के विषय में अबेर नईं करत, जैसो कि कितेक जनें समजत आंय; बो नईं चाहत कि कौनऊं मान्स नास होबे; परन्त जौ कि सबई हां हिया बदलबे कौ मौका मिले।