राजा फिरौन और ऊके सब करमचारी बल्कि ऊके देस के सब जनों हों दंड देबे के लाने चिन्ह और चमत्कार दिखाए; कायसे तें जानत हतो कि बे उनसें ढिठाई कौ ब्यवहार करत आंय; और तेंने अपनो ऐसो बड़ो नाओं करो, जैसो आज लौ बनो आय।
और उनहों चिताऊत हतो कि उनहों अपनी नेम ब्यवस्था के आधीन कर दे। परन्त बे घमंड करत रए और तोरो हुकम नईं मानत हते, और तोरे नेम, जिनहों अगर मान्स माने, तौ उनके कारन जियत रए, उनके बिरुद्ध पाप करत, और ढ़िटाई करत हते और नें सुनत हते।