बाकी जनें जैसे याजक, लेवीय, द्वारपाल, गवईये, यहोवा परमेसुर के भवन के सेवक और जितेक यहोवा परमेसुर की ब्यवस्था मानबे के लाने देस देस के लोगों सें अलग भए हते, उन सबई ने अपनी बईयरों और उन मोंड़ा मोंड़ियों संगै जो समझबेवारे हते,
हमाए पिता परमेसुर के लेखे में सुद्ध और साफ भक्ति जा आय, कि हम अनाथों और बिधवाओं की दुख पीड़ा में उन की सुध लेबें, और अपने आप हां संसार की बातन से दूर राखें।