39 और एप्रैम के फाटक और पुराने फाटक, और मछलीफाटक, और हननेल के गुम्मट, और हम्मेआ नाओं गुम्मट के लिगां होकें भेड़ फाटक लौ चले, और पहरुओं के फाटक के लिगां ठांड़े हो गए।
तब एल्याशीब महायाजक ने अपने भईया याजकन सुदां करयाई बांधकें भेड़फाटक हों बनाओ। उनोंरन ने ऊकी परतिष्ठा करी, और ऊके पल्लों हों सोई लगाओ; और हम्मेआ नाओं गुम्मट लौ बल्कि हननेल के गुम्मट के लिगां लौ उनोंरन ने सहरपनाह की परतिस्ठा करी।
फिन ओई मोड़ के सामूं जो ऊंचो गुम्मट राजभवन सें बायरें कड़ोे भओ जेलखाने के आंगन के लिगां आय, ऊके सामूं ऊजै के मोंड़ा पालाल ने मरम्मत करी। ऊके बाद परोस के मोंड़ा पदायाह ने मरम्मत करी।
फिन पुराने फाटक की मरम्मत पासेह के मोंड़ा योयादा और बसोदयाह के मोंड़ा मशुल्लाम ने करी; उनोंरन ने ऊकी कड़ियां लगाई, और ऊके पल्ले, ताले और बेड़े लगाए।
सो सब जनें बायरें जाकें डालियां ल्याए, और अपने अपने घर की छत पै, और अपने आंगनों में, और यहोवा परमेसुर के भवन के आंगनों में, जलफाटक के चौक में, और एप्रैम के फाटक के चौगड्डा में, टपरियां बना लईं।