28 तौ गवईयों की संतान यरूशलेम के चारऊं कोद के देस सें और नतोपातियों के गांवों सें,
फिन सल्मा के बंस में बैतलहम और नतोपाई, अत्रोत-बेत-योआब और आधे मानहती, सोरी,
और ओबद्याह जौन शमायाह कौ मोंड़ा, गालाल कौ पोता और यदूतून कौ परपोता हतो; और बेरेक्याह जौन आसा कौ मोंड़ा, और एल्काना कौ पोता हतो, जौन नतोपाइयो के गांवों में रैत हतो।
और बेतगिलगाल सें, और गेबा और अज्माबेत के खेतों सें इकट्ठे भए; कायसे गवईयों ने यरूशलेम के आस-पास गांव बसा लए हते।
फिन मोए पता लगो कि लेवियों कौ हींसा उनोंरन हों नईं दओ गओ आय; और ई कारन काम करबेवारे लेवीय और गवईये अपने अपने खेत हों भग गए आंय।
ऊके बाद उन याजकन ने मरम्मत करी जो तराई के मान्स हते।
तब सम्बल्लत और गेशेम ने मोरे लिगां ऐसो संदेसो पठैओ, “आ, हम ओनो के मेंदना के केफिरीम गांव में एक दूसरे सें भेंट करें।” परन्त बे मोरी हानि करबे की मन्सा रखत हते।
बैतलहम और नतोपा के मान्स एक सौ अट्ठासी,