पर ऐसो न होय कि हम उन के लाने ठोकर कौ काम करबें, ई लाने तें तला में जाके बंसी डाल, और जौन मछरिया पेंला निकले, ऊहां ले; तो ऊको मों खोलबे पे तोय एक सिक्का मिल है, ऊहां लैके मोरे और अपने बदले उन हां दे दईयो।
परन्त मैं तुमन से कैत हों, कि जौन कोनऊ अपने भईया पे खुन्सयाबे, ऊहां कचहरी में सजा मिल है: और जो कोऊ अपने भईया हां निकम्मो कै है बो पंचायट में दोषी ठहर है; और जो कोऊ कैबे “अरे मूरख” बो नरक की आगी के दण्ड के जोग हुईये।
ऊ चाकर ने घर लौट के जे बातें अपने मालक हां कै सुनाईं, तब घर के मालक ने खुन्स में आके अपने चाकर से कओ, नगर के बाजारों और गलियों में जाके फुर्तीं से, कगालों, टुन्डों, लगड़ों, और अंधरन हां इतै ले आ।
ऊ को सूपा ऊके हांथ में आय; और बो अपनो खलिहान अच्छी भांत साफ कर है; बो गेंहूं हां तो अपने खत्ते में जमा कर है, पर भूसा हां ऊ आग में डाल है जौन बुझबे की नईंयां।
सो अब अपनी देह की अभलाखा हां पूरो न करो, परतिरिया संगत करबे की अभलाखा और गन्दे काम, बुरय विचार, और दूसरन की बस्तन को लालच न करो, कायसे जे सब मूरत की पूजा जैसे आंय।
ई लाने जब इतने सबरे जनों की गवाह हम जानत आंय, तो अब सबरी रोकबेवारी बस्तन और उलझाबेवारे पाप और बुरई बातन हां छोड़ के, जैसी दौड़ हम हां दौड़ने आय ऊहां संभल के दौड़ें।