कुरनेलियुस ने कओ; ऐई घड़ी पूरे चार दिना भए, मैं अपने घर में तीसरे पहर बिन्तवाई कर रओ हतो; तो तको, एक मान्स चमकीलो उन्ना पैरें भए, मोरे आंगू आ ठांड़ो भओ।
मैंने उन से कई; हे मालक, तुम तो जानत आव: ऊ ने मोसे कई; कि जे बे आंय, जो ऊ बड़े दुख उठा के निकले आंय; और इन ने अपने उन्ना मेमने के रकत से धोके उजरे करे आंय।
ईके पाछें मैंने हेरो, कि एक एक कुल और जातियन, देस और हर एक बोली बोलबेवारन की एक बड़ी भीड़, जीहां कोऊ गिन न सके उजरे उन्ना पैरें, और हातन में खजूर की डालियां लएं सिंहासन के सामूं और मेमने के सामूं ठांड़ी आंय।