14 और जब ऊ चेलन के ऐंगर आओ, तो तको कि उनके चारऊ कोद भौत भीड़ लगी आय और शास्त्री उनके संग्गै बहस कर रए आंय।
कि तें जे काम कौन हक्क से करत आय? और जौ हक्क तोहां कीने दओ कि तें जे काम करै?
और उन ने आके ऊसे कओ; गुरूजी हम जानत आंय, कि तें सच्चो आय, और कोऊ की परवाह नईं करत; कायसे कितें मान्सन के मों देखी बातें नईं करत, बल्कि परमेसुर की गैल सच्चाई से बतात आय।
तब कैऊ शास्त्री जौन उते बैठे हते, अपने अपने मन में विचार करन लगे।
लेकिन मैं तुम से कैत आंव, कि एलिय्याह तो आ चुको, और जैसो ऊके बारे में लिखो आय, उन ने जैसो ऊके संग्गै चाहो सो करो।
बो प्रार्थनाघर में जाके तीन महिना लौ बेखटके बोलत रओ, और परमेसुर के राज्य के बारे में बतकाव करत और उनहां समझात रओ।
सो यीशु मसीह पै ध्यान करो, जीने अपने लाने पापियन से बुरई बातें सुनी, कि जब मान्सन तुमाए लाने कछु कएं तो हिम्मत न हारियो।