26 और ऊ ने ऊहां जौ कह के घरै पोंचाओ, कि ई गांव के भीतर पांव तक न धरियो।
और उन हां चिताओ, कि मोरे बारे में कछु न कहियो।
यीशु ने ऊसे कई; कोऊ से न कहिये पर जाके अपने आप हां, याजक हां तका और मूसा के द्वारा ठहराओ गओ चढ़ावा चढ़ा, कि उन पे गवाही होबै।
और उन की आंखें खुल गईं और यीशु ने उन हां कड़ी चितावनी दैके उन से कई; हेरो जौ कोऊहां न बतईयो।
फिन ऊ ने उनहां चिता के आज्ञा दई, कि जा बात कोऊ जान न पाबै और कओ; कि ऊहां कछु खाबे के लाने दओ जाए।
तब ऊ ने उने चिताओ कि कोऊ से न कहियो; लेकिन जितनौ ऊ ने उने चिताओ उतनईं बे और परचार करन लगे।
ऊ ओई अंधरा कौ हाथ पकड़ के ऊहां गांव से बाहर ले गओ, और ऊ की आंखन में थूक के ऊ पै हाथ धरे, और ऊसे पूछो; का तें कछु तकत आय?
तबई ऊ ने दूसरी बेर ऊ की आंखन पै हाथ धरे, और ऊ ने गौर से तको, और ऊ ठीक हो गओ, और सब कछु साफ साफ तकन लगो।