21 ऊ ने उनसे कओ, का तुम अबै तक नईं समझत?
कायसे बे ऊ रोटियन के बारे में न समझे हते बल्कि उनके मन कर्रे हो गए हते।
ऊ ने अपनी आत्मा में हाय भर के कओ, ई समय के मान्स काय निसानी ढूंड़त आंय? मैं तुम से सांची कैत आंव, कि ई समय के लोगन हां कौनऊं निसानी नईं दई जै है।
ऐसो जान के यीशु ने उन से कओ; तुम काय आपस में जौ विचार कर रए आव कि हमाए ऐंगर रोटी नईंयां? का अब तक नईं जानत और नईं समझत?
और बे बैतसैदा में आए; और लोग एक अंधरा हां ऊके ऐंगर लै आए और ऊसे बिनती करी, कि ऊहां छुए।
जौ सुनके ऊ ने उन से उत्तर देके कओ: हे अबिसवासी लोगो, मैं कब लौ तुमाए संग्गै रै हों? और कब लौ तुमाई सै हों? ऊहां मोरे ऐंगर ले आओ।
यीशु ने ऊसे कई; हे फिलिप्पुस, मैं इतेक दिना से तुमाए संग्गै आंव फिन भी तुम मोय नईं जानत? जीने मोय जानो आय ऊ ने बाप हां सोई जानो आय: तें काय कहत आय कि बाप हां हम हां दिखा दे?
धरम के लाने जाग उठो और पाप न करो; कायसे कि कितेक ऐसे आंय जौन परमेसुर को नईं जानत, मैं तुम हां लजाबे हां जौ कैत आंव।
मैं तुम हां लज्जित करबे हां ऐसो कैत आंव: का तुम में एकऊ समझवारो नईंयां, जौन अपने भईयन के बीच न्याव करे।