18 का तुमाओ मन कर्रो हो गओ आय? का आंखें राखत भए भी नईं तकत, और कान राखत भए भी नईं सुनत? और तुमें याद नईंयां।
ई लाने कि बे देखत भए देखें और उने न सूझे और सुनत भए सुनें भी और न समझें; ऐसो न होबै कि बे बदलें, और माफ कर दए जाबें।
कि ऊ ने उन की आंखन हां अन्धरो, और उन कौ मन कड़ो कर दओ आय; कहूं ऐसो न होबै, कि बे आंखन से हेरें, और मन से जानें, और मन फिराएं, और मैं उन हां साजो करों।
जैसो लिखो आय, परमेसुर ने उन हां आज के दिन लौ गैरी नींद में डाल दओ आय, और ऐसी आंखें दईं जौन न हेरें और ऐसे कान जौन न सुनें।
तुम हां ध्यान आय कि जब मैं तुमाए बीच हतो तो तुम से ऐसई बातें कैत हतो।
तुम जे बातें जानत आव, और जौन सांचो बचन तुम हां मिलो आय, ऊ में बने रैत आव, फिन भी मैं तुम हां उन बातन की सुध दिलाबे हां सदा तईयार रै हों।