25 और तुरतईं एक बईयर जी की मोंड़ी में बुरई आत्मा हती, ऊ की चरचा सुनके आई, और ऊके गोड़े पै गिरी।
और हेरो, ऊ परगना की एक कनानी बईयर आई और चिल्लया के कहन लगी; हे पिरभू दाऊद की सन्तान, मोय पे दया कर, मोरी बिटिया हां दुष्ट आत्मा सता रई है।
और एक कोढ़ी ने ऊके ऐंगर आके, ऊसे बिनती करी, और ऊके सामने टिंगरे टिका के ऊसे कओ; अगर तें चाहे तो मोहां शुद्ध कर सकत आय।
तब बा बईर्यर जौ जान के, कि मोरी कैसी भलाई भई आय, डरात और कांपत भई आई, और ऊके गोड़न पै गिरके, ऊसे सबरो हाल सच्चौ सच्चौ बता दओ।
फिन ऊ उतै से उठके सूर और सैदा के देशन में आओ; और एक घर में गओ, और चाहत हतो, कि कोऊ न जान पाबै, लेकिन ऊ छिप न सको।
जा यूनानी और सूरूफिनीकी जात की हती; और ऊ ने ऊसे बिनती करी, कि मोरी मोंड़ी में से बुरई आत्मा निकाल दे।
और यीशु के गोड़न पे मों के बल गिर के, ऊकौ धन्नवाद करन लगो; और बो सामरी हतो।