23 जे सब बुरई बातें भीतर से ही कड़त आंय और मान्स हां अशुद्ध करत आंय।
ऐसी तो कौनऊं चीज नईंयां जौन मान्स में बाहर से समा के अशुद्ध करै; लेकिन जौन चीजें मान्स के भीतर से कड़त आंय, बेई ऊहां अशुद्ध कर देती आंय।
ऊ ने उनसे कओ; काय तुम भी ऐसे नासमझ आव? काय तुम नईं जानत, कि जौन चीज बाहर से मान्स के भीतर जात आय, बा ऊहां अशुद्ध नईं कर सकत?
फिन ऊ ने कओ; जो कछु मान्स में से कड़त आय, ओई मान्स हां अशुद्ध करत आय।
चोरी, हत्या, पराई बईयर पै बुरई नजर डालबो, लोभ, दुष्टता, छल, लुच्चपन, बुरई नजर, निन्दा, घमण्ड और मूरखता निकलत आय।
फिन ऊ उतै से उठके सूर और सैदा के देशन में आओ; और एक घर में गओ, और चाहत हतो, कि कोऊ न जान पाबै, लेकिन ऊ छिप न सको।
यदि कोऊ परमेसुर के मन्दर हां नास कर है, तो परमेसुर ऊहां नास कर है; कायसे परमेसुर कौ मन्दर पवित्तर आय, और ऊ मन्दर तुम आव।
साजे मान्सन के लाने सब साजो आय, और बुरय और बिसवास न करबेवारन हां कछु साजो नईंयां; कायसे उनकी समझ और उनको हिया साजो नईंयां।
ऊंसई जे सर्रोटीवारे जो अपनी देह हां अशुद्ध करबेवारे, और अपने से बड़ों हां बुरऔ कैत आंय।