52 कायसे बे ऊ रोटियन के बारे में न समझे हते बल्कि उनके मन कर्रे हो गए हते।
पांछू यीशु उन ग्यारह चेलन हां भी, जब बे भोजन करबे बैठे हते दिखाई दओ, और उनके अबिसवास और मन के कर्रेपन पै उरानों दओ, कायसे कि जिन ने ऊके जी उठबे के बाद ऊहां तको हतो, इन ने उनकी बात पै बिसवास नईं करो हतो।
और ऊ ने उनके मन की कड़ाई से उदास होकें, गुस्सा से चारऊ तरपी तको, और ऊ मान्स से कओ, अपनो हाथ बढ़ा ऊ ने हाथ बढ़ाओ, और ऊकौ हाथ ठीक हो गओ।
ऊ ने उनसे कओ; काय तुम भी ऐसे नासमझ आव? काय तुम नईं जानत, कि जौन चीज बाहर से मान्स के भीतर जात आय, बा ऊहां अशुद्ध नईं कर सकत?
यीशु ने उन से कओ; हे मूरखो, तुम आगमवकतन की सबरी बातन पे बिसवास करबे में कित्ते मन्दबुद्धि आव!
कि ऊ ने उन की आंखन हां अन्धरो, और उन कौ मन कड़ो कर दओ आय; कहूं ऐसो न होबै, कि बे आंखन से हेरें, और मन से जानें, और मन फिराएं, और मैं उन हां साजो करों।
ईको नतीजा का भओ? जौ कि इस्राएली जी की खोज में हते, बो उन हां नईं मिलो; पर नबेरे भयन हां मिलो, और बचे भए कठोर बना दए गए।