27 और राजा ने तुरतईं एक सिपाई हां हुकम दैके भेजो, कि ऊ की मूड़ काट लाए।
तो राजा भौत उदास भओ, लेकिन अपने कौल के कारन और संग्गै बैठवेवालन के कारन ऊहां टालबो न चाहो।
ऊने कैदखाने में जाके ऊकौ मूड़ काटो, और एक थाल में धरके ले आओ और बिटिया हां दओ, और बिटिया ने अपनी महतारी हां दओ।