10 और ऊ ने उनसे कओ; जां कऊं तुम कौनऊं घर में उतरौ तो जब लौ उतै से विदा न होओ, तब लौ ओई में ठैरे रओ।
जौन जांगा के मान्स तुमें न अपनाबें, और तुमाई न सुनें, उते से चलतई अपने तलुओं की धूरा झरा डालो, कि उन पै गवाही हो।
लेकिन पनईंयां पैरो और दो-दो कुरता न पैरो।
जौन कोऊ घर में तुम ठहरो, उतईं रओ; और उते से आखरी दिना कड़ो।
जब ऊ ने और ऊके घर बारन ने बपतिस्मा लओ, तो हम से बिनती करी, अगर तुम मोय परमेसुर की बिसवासिनी मानत आव, तो आके मोरे घरै ठहरो; और बा हमें मनाकर ले गई।