41 और बिटिया कौ हाथ पकड़ के ऊसे कओ, “तलीता कूमी”; जी कौ मतलब आय कि “ए बिटिया, मैं तोसे कैत आंव, उठ”।
तब यहोवा परमेसुर ने कई, “उजयारा हो,” तौ उजयारा हो गओ।
तब ऊ ने ऐंगर जाके ऊकौ हाथ पकड़ के उठाओ; और ऊ को ताप ऊ पै से उतर गओ, और बा उनकी सेवा खुसामद करन लगी।
ऊ ने ऊ पै तरस खाके हाथ बढ़ाओ, और ऊहां छूके कओ; मैं चाहत आंव कि तें साजौ हो जा।
बे ऊ की हंसी करन लगे, लेकिन ऊ ने सब हां निकाल के बिटिया के महतारी बाप और अपने संगियन हां लैके, भीतर जहां बिटिया पड़ी हती गओ।
और बिटिया तुरतईं उठके चलन फिरन लगी; कायसे कि बा बारह साल की हती। और ई पै लोग भौत अचम्भे में हो गए।
(जैसो लिखो आय, मैंने तोय बिलात जातियन कौ बाप ठैराओ आय), ऊ परमेसुर के सामूं जीपे ऊ ने बिसवास करो हतो और जौन मरे भयन हां जिलात आय, और जौन बातें हैईं नईंयां, उन कौ नाओं ऐसो लेत आय, मानो बे आंय।
जौन अपने बल से सबरी बस्तन हां अपने बस में कर सकत आय, हमाई ई देह को रूप बदल के, उनकी देह जैसो बना दें हैं।