31 ऊ राई के दाने कैसो आय; कि जब धरती में बोओ जात आय तो धरती के सबरे बीजन से छोटो होत आय।
फिनऊ ने कओ; कि हम परमेसुर के राज्य की कनौत कीसें देबें, और कौन किस्सा से ऊकौ बखान करें?
लेकिन जब बोओ गओ, तो जमके सबरे साग पातन से बड़ो हो जात आय, और ऊ की बड़ी डगालें निकलत आंय, कि आकास की चिरईयां ऊके छांयरे में बसेरो कर सकत आंय।
पिरभु ने कओ; जदि तुम हां राई के दाने के बिरोबर बिसवास होतो, तो तुम ई शहतूत के पेड़ से कैते कि जड़ से उखड़ के समुन्दर में लग जा, तो बो तुमाई मान लेतो।
ई तरहां प्रभु कौ बचन बल के संग्गै फैलत और बली होत गओ।
जिन ने ऊकौ बचन मानो उन ने बपतिस्मा लओ; और ओई दिना तीन हजार मान्सन के लगभग उन में जुड़ गए।
जौ सुनके उन ने परमेसुर की बढ़वाई करी, और कई; भईया तें तो हेरत आय, की यहूदियन में हजारन आंय, जिन ने भरोसा करो आय; बे सब रीतियन के लाने उमंग से भरे आंय।
पर बचन के सुनबेवारन में से कुल्ल जन ने बिसवास करो, और उन की गिनती पांच हजार मुन्सेलुअन के करीब हो गई।
बिसवास करबेवारे कुल्ल मान्स और बईयरें पिरभु की मण्डली में और अधिक आके मिलत रए।)
और जब सातवें दूत ने तुरही फूंकी, तो सरग में जोर जोर की पुकार सुनी गई, कि संसार कौ राज हमाए पिरभू ईसा मसीह को हो गओ आय।