35 कायसे जो कोऊ परमेसुर की इच्छा पे चल है, ओई मोरो भईया और बहिन और महतारी आय।
जो मोसें, हे पिरभू, हे पिरभू कैत आय, उन में से हर एक सरग के राज्य में नईं पिड़ पा है, पर जो मोरे स्वर्गीय बाप की कई पे निंगत आय ओई पिड़ पा है।
जदि कोऊ मान्स ऊ की मनसा पूरी करबे हां तईयार आय, तो बो ई सीख सें जान जै है, कि जे परमेसुर की कोद से आय, या मैं अपनी कोद से कैत आंव।
और मालक हां खुस करबे उनकी सेवा दिखाबे भर हां न करो, परन्त यीशु मसीह के चाकरन घांई उनकी बात मानो।
धीरज धरबो सीखो कि तुम परमेसुर हां खुस राखो, और ध्यान धरो कि पिरभू से तुम हां ईको बड़ो फल मिल है।
पर जौन मान्स स्वतन्त्रता की सिद्ध नैम व्यवस्था पे ध्यान करत रैत आय, बो अपने काम में ई लाने आसीष पा है कि बो सुन के बिसरत नईं, परन्त वैसई काम सोई करत आय।
आगे हां अपनो रै गओ संसारी जीवन मान्सन की मरजी से नईं, परन्त परमेसुर की मन्सा के अनसार गुजारो।
संसार और ई संसार की अभलाखा इतई मिट जै है, परन्त जौन परमेसुर की कई करत आय, बो हमेसा बनो रै है।