31 और ऊ की महतारी और ऊके भईया आए, और बाहर ठांड़े होकें ऊहां बुलवाओ।
जब ऊके घर के लोगन ने जौ सुनो, तो ऊहां पकड़बे के लाने निकले; कायसे कैत हते, कि ऊकौ चित्त ठिकानें नईंयां।
कायसे बे कैत हते, कि ऊ में बुरई आत्मा आय।
और भीड़ ऊके अगल बगल बैठी हती, और उन ने ऊसे कओ; देख, तोरी महतारी और तोरे भईया बाहर तोहां ढूंढ़त आंय।